CBSE Board Exam 2022: CBSE बोर्ड की तरफ से आया ये Big Update, बोर्ड ने लिया बड़ा फैसला
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कोविड संकट के मौजूदा हालात से निपटने के लिए भले ही 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं दो टर्म में कराने जैसा कदम उठाया हो, लेकिन अब यह पहल जारी रहेगी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) से पहले ही बोर्ड परीक्षाओं में सुधार करने में लगे शिक्षा मंत्रालय ने इस बात के संकेत दिए हैं।
इसके साथ ही वह राज्यों को अपनी बोर्ड परीक्षाओं में जल्द सुधार के लिए इसी तरह के कदम उठाने का सुझाव भी देंगे। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन से संबंधित फीडबैक भी दो टर्म में जुटाया जा रहा है. इनके आधार पर राज्यों को आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया जाएगा।
कोचिंग संस्कृति को समाप्त करने के लिए सुधार: सीबीएसई बोर्ड परीक्षा
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कोचिंग संस्कृति को संपूर्ण शिक्षा के लिए हानिकारक बताया गया है। इस पर तभी काबू पाया जा सकता है जब परीक्षाओं को आसान बनाया जाए। अभी परीक्षा का जोश दिखाकर ही कोचिंग संस्थान फल-फूल रहे हैं। जैसे ही परीक्षा आसान होगी कोचिंग स्वत: ही समाप्त हो जाएगी।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी की गई है सिफारिश: सीबीएसई बोर्ड परीक्षा
खास बात यह है कि सीबीएसई द्वारा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं दो टर्म में कराने का जो फैसला लिया गया है, उसकी अनुशंसा राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी की गई है. इसमें पहले सत्र में आधे पाठ्यक्रम की परीक्षा बहुविकल्पीय होती है, जबकि दूसरे सत्र में शेष आधे पाठ्यक्रम की परीक्षा विश्लेषण आधारित होती है।
CBSE Board 2022 Exam: सीबीएसई 10वीं-12वीं बोर्ड ने परीक्षा को लेकर बड़ा ऐलान.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कोचिंग को पूरी शिक्षा व्यवस्था के लिए बताया गया है नुकसानदायक.
CBSE Board Exam 2022: भले ही केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कोविड संकट के मौजूदा हालात से निपटने के लिए 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं दो टर्म में कराने जैसा कदम उठाया हो, लेकिन अब यह पहल आगे भी जारी रहेगी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) से पहले ही बोर्ड परीक्षाओं में सुधार करने में लगे शिक्षा मंत्रालय ने इस बात के संकेत दिए हैं।
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- सीबीएसई बोर्ड छात्रों के लिए अर्जेंट नोटिस, तुरंत देखे :- Click Here
इसके साथ ही वह राज्यों को अपनी बोर्ड परीक्षाओं में जल्द सुधार के लिए इसी तरह के कदम उठाने का सुझाव भी देंगे। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन से संबंधित फीडबैक भी दो टर्म में जुटाया जा रहा है. इनके आधार पर राज्यों को आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया जाएगा।
कोचिंग संस्कृति को समाप्त करने के लिए सुधार: सीबीएसई बोर्ड परीक्षा
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कोचिंग संस्कृति को संपूर्ण शिक्षा के लिए हानिकारक बताया गया है। इस पर तभी काबू पाया जा सकता है जब परीक्षाओं को आसान बनाया जाए। अभी परीक्षा का जोश दिखाकर ही कोचिंग संस्थान फल-फूल रहे हैं। जैसे ही परीक्षा आसान होगी कोचिंग स्वत: ही समाप्त हो जाएगी।
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी की गई है सिफारिश: सीबीएसई बोर्ड परीक्षा
खास बात यह है कि सीबीएसई द्वारा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं दो टर्म में कराने का जो फैसला लिया गया है, उसकी अनुशंसा राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी की गई है. इसमें पहले सत्र में आधे पाठ्यक्रम की परीक्षा बहुविकल्पीय होती है, जबकि दूसरे सत्र में शेष आधे पाठ्यक्रम की परीक्षा विश्लेषण आधारित होती है।
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